सुनसान रास्ता


 सुनसान रास्ता




कुछ सालों पह्ले कि बात है। जयपुर के पास एक गाँव था उस गाँव में जाने और आने का एक ही रास्ता था जो सिर्फ और सिर्फ सुनसान रास्ते के नाम से जाना जाता था। गाँव के लोग कहते थे शाम बजे के बाद कोई भी उस रस्ते से आता जाता नहीं था और जो भी बजे के बाद गलती से भी उस रास्ते मे चला गया वो कभी वापस नहीं लौटा। सभी गाँव के लोगो में डर था। यहां तक गाँव के लोग शाम होते ही बजे तक सो जाते थें। गाँव के लोगो का कहना था की रात को तरह तरह कि आवाजें आती थी जैसे किसी के रोने कीकिसी के चिल्लाने कीगाँव के लोग बहुत डरे हुए थे आखिर ये क्या हो रहा था। इस रास्ते ने गाँव के लोगों का सूख चेन सब छीन लिया था। जब गाँव के लोग अपने काम पर उस रास्ते से जाते और आते थे तो उनके परिवार को बस एक ही चिंता रहती थीं की उनके पति हो या बच्चे बस गाँव में सही सलामत आ जाएँ। आखिर उस रास्ते में ऐसा क्या था की गाँव के लोग इतने डरे हुए थे। चलिये जानते है।



आखिर कैसे पड़ा इसका नाम सुनसान रास्ता


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